उज्जैन स्थित महाकाल मंदिर में वीआईपी के नाम पर नियमों को ताक पर रखा जा रहा है। मंदिर में एक बार फिर नियमों को तोड़ने का मामला सामने आया है। इस बार आरोप महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे पर लगे हैं। उधर मंदिर प्रशासक ने जिम्मेदार पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है। पुजारियों को छोड़कर मंदिर के गर्भगृह में कोई और नहीं जा सकता है।

मंदिर प्रशासन ने कही कार्रवाई की बात।
कई बार नियमों का हो चुका उल्लंघन।
6 मिनट तक गर्भगृह में की पूजा अर्चना।

उज्जैन। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में नियम तोड़ने का मामला सामने आया है। आरोप है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और चार अन्य लोगों ने गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की। मगर मंदिर के गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना करने की अनुमति किसी को नहीं है। पिछले साल मंदिर प्रशासन ने यह प्रतिबंध लगाया था। मगर समय-समय पर वीआईपी के नाम पर इन नियमों को दरकिनार किया जाता है।

Ujjain News: महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे ने महाकाल मंदिर पहुंचे। सांसद श्रीकांत शिंदे, पत्नी और 2 लोगों के साथ गर्भगृह में 6 मिनट तक रहे।

Ujjain News: महाराष्ट्र सीएम एकनाथ शिंदे के सांसद बेटे श्रीकांत शिंदे ने महाकाल मंदिर का नियम तोड़ दिया. उन्होंने प्रतिबंध के बावजूद गर्भ गृह में प्रवेश कर महाकाल की पूजा की. अब इस मामले ने तूल पकड़ लिया है. महाकाल मंदिर समिति पर सवाल खड़े हो गए हैं. विपक्ष ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है.

उज्जैन. उज्जैन के महाकाल मंदिर के गर्भ गृह में वीआईपी एंट्री पर विवाद हो गया है. यहां महाराष्ट्र के सीएम एकनाथ शिंदे के बेटे सहित चार लोगों ने गर्भ गृह में प्रवेश किया और महाकाल की पूजा की. इस मामले ने अब तूल पकड़ लिया है. क्योंकि, गर्भ गृह में प्रवेश पर रोक लगी हुई है. आम श्रद्धलुओं को शिवलिंग के दर्शन दूर से करने होते हैं. इस रोक के बावजूद सीएम शिंदे के बेटे और सांसद श्रीकांत शिंदे, उनकी पत्नी और दो अन्य व्यक्तियों ने 17 अक्टूबर की शाम यह नियम तोड़ा.

इन सभी ने करीब 6 मिनट गर्भ गृह में बिताए. इसके बाद अब महाकाल मंदिर प्रबंधन पर सवाल उठने लगे हैं. पूछा जा रहा है कि आखिर शिंदे परिवार को गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति कैसे मिली. यह आम श्रद्धालुओं की आस्था से खिलवाड़ है.

महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश बैन है। इसके बावजूद गुरुवार शाम महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे सांसद श्रीकांत शिंदे गर्भगृह में प्रवेश कर गए। वे पत्नी और दो अन्य लोगों को भी साथ ले गए। गर्भगृह में चारों 6 मिनट तक रहे।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दिख रहा है कि सांसद श्रीकांत शिंदे और उनके साथ अन्य लोग 17 अक्टूबर की शाम करीब 5:38 बजे गर्भ गृह में प्रवेश करते हैं. चौंकाने वाली बात यह है कि उन्होंने उस समय वहां प्रवेश किया, जब महाकाल का श्रृंगार हो रहा था.

इस मामले को लेकर महाकाल मंदिर के प्रशासक गणेश धाकड़ ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी. जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. बता दें, धाकड़ की अनुमति के बिना कोई भी गर्भ गृह में नही जा सकता. वहीं, उज्जैन कलेक्टर और महाकाल मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नीरज सिंह ने भी स्पष्ट किया कि किसी को भी गर्भ गृह में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी.

रोक के बावजूद महाकाल के गर्भगृह में जाकर दर्शन किए, महाराष्ट्र के सीएम के बेटे को एंट्री दी मंदिर प्रशासन ने 5 कर्मचारियों पर कार्रवाई की।

क्या इसलिए नहीं रोका गया
बता दें, यह पहली बार नहीं है जब महाकाल मंदिर में वीआईपी एंट्री को लेकर विवाद हुआ हो. इससे पहले भी गर्भ गृह में वीआईपी प्रवेश के कारण बहस हो चुकी है. श्रीकांत शिंदे, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे हैं. वे मुम्बई की कल्याण लोकसभा सीट से तीन बार के सांसद रह चुके हैं. गुरुवार को उन्हें महाकाल मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश उनके सांसद और सीएम के बेटे होने के नाते मिला था.

गर्भ गृह में प्रवेश पर क्यों लगी है रोक?
श्रावण मास की भीड़ को ध्यान में रखते हुए यहां गर्भ गृह पर रोक लगी हुई है. यह रोक 4 जुलाई 2023 को मंदिर समिति ने लगाई थी. यह रोक अभी तक जारी है. महाकाल मंदिर के शिवलिंग के क्षरण को लेकर दायर याचिका के बाद सुप्रीम कोर्ट ने मंदिर समिति से क्षरण रोकने के उपाय मांगे थे. इसमें एक सुझाव गर्भ गृह में श्रद्धालुओं की संख्या सीमित करने का भी था.

कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
इस मामले को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक शैलेंद्र पटेल ने कहा है कि मध्य प्रदेश में नियम, कानून कहीं नहीं चलते, तो महाकाल में कहां से चलेंगे. ये नियम-कानून दूसरों के लिए हैं. महाकाल मंदिर आस्था का केंद्र है. देश-विदेश से लोग बाबा महाकाल के दर्शन के लिए आते हैं. यहां भी सामान्य-असामान्य का भेद कर रखा है.

ऐसे मामले अक्सर सामने आ जाते हैं. हम इस घटना की निंदा करते हैं. कम से कम भगवान की जगह तो छोड़ दें. वहीं, बीजेपी ने कहा कि हमारी सरकार में नियम कायदे सभी के लिए समान हैं. इस मामले की भी जांच करा रहे हैं. मंदिर प्रशासन इस मामले में कार्रवाई करेगा.