Ganga: हरिद्वार में हर की पौड़ी के पास गंगा जल न आने से पूरा घाट सूखा हुआ है और तलहटी तक नजर आ रही है. अब सभी लोगों के बीच यहां का रेलवे ट्रैक चर्चा का विषय बना हुआ है की यह रेलवे लाइन कब बिछाई गई। बता दें हरिद्वार जो की धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी पुरे देश और दुनिया में काफी प्रसीद जगह हैं।

Haridwar: बता दें हरिद्वार पुरे भारत सहित दुनिया भर में काफी प्रसीद तीर्थ स्थल के तौर पर भी जाना जाता हैं। बता दें हरिद्वार में गंग नहर को बंद किए जाने के बाद हर की पैड़ी और वीआईपी घाट पर बहने वाली गंगा नदी की धारा सूख गई है. इससे वहां नजारा बिल्कुल अलग हो गया है. गंगा नदी की तलहटी नजर आने से इस समय वीआईपी घाट के पास गंगा के अंदर रेलवे की पटरीनुमा लोहे के ट्रैक नजर आ रहे हैं, जो सभी लोगों के लिए बेहद ही ज्यादा उत्सुकता का विषय बना हुआ हैं. सभी लोग यह जानना चाह रहे हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है भला गंगा जी के नीचे ये रेल की पटरी कब बिछाई गई और क्या यहां पर भी ट्रेन भी चलती थी?

Haridwar: बता दें बात दरअसल ये है की हरिद्वार में हर की पैड़ी के पास गंगा जल न आने से पूरा घाट सूखा हुआ है और तलहटी तक नजर आ रही है. अब यहां रेलवे ट्रैक नुमा पटरियां नजर आ रही हैं. हरिद्वार रेलवे स्टेशन से करीब 3 किलोमीटर दूर ये ट्रैक लोगों के मन में कई तरह के जिज्ञासा पैदा कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इन रेलवे ट्रैक की वीडियो और फोटो शेयर कर लोग तरह-तरह के दावे कर रहे हैं. कोई कह रहा है कि इस जगह पर पहले छोटी ट्रेन चला करती थी तो कोई इसे पानी में चलने वाली छोटी गाड़ी की प्रक्रिया बता रहा है. बता दें हरिद्वार जो की धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी पुरे देश और दुनिया में काफी प्रसीद जगह हैं। बता दें हरिद्वार पुरे भारत सहित दुनिया भर में काफी प्रसीद तीर्थ स्थल के तौर पर भी जाना जाता हैं।

Haridwar: बता दें मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार के पुराने जानकार लोग बताते हैं कि 1850 के आसपास गंग नहर के निर्माण के दौरान इन ट्रैक पर चलने वाली हाथगाड़ी का इस्तेमाल निर्माण सामग्री आदि ढोने के लिए किया जाता था. भीमगौड़ा बैराज से डाम कोठी तक डैम और तटबंध बनाए जाने का काम पूरा होने के बाद अंग्रेज अफसर उस समय निरीक्षण करने के लिए इन गाड़ियों का इस्तेमाल भी किया करते थे.

Haridwar: बता दें मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक हरिद्वार के पुराने जानकार लोग बताते हैं कि गंग नहर लॉर्ड डलहौजी का एक बड़ा प्रोजेक्ट था. इसे इंजीनियर कोटले के सुपरविजन में तैयार किया गया था. ब्रिटिश काल में कई ऐसे बड़े और भी निर्माण किए गए, जिनकी आधुनिक भारत में भी महत्वपूर्ण भूमिका है. इतिहासकारों का दावा है कि रुड़की कलियर के पास भारत की पहली रेल लाइन बिछाई गई थी. हालांकि इसे पहली रेलवे लाइन के रूप में पहचान नहीं मिल पाई.

Haridwar: बता दें कि हर साल मेंटेनेंस के लिए यूपी सिंचाई विभाग की ओर से गंग नहर बंद की जाती है. इससे हरिद्वार का नजारा पूरी तरह से बदल जाता है. गंगा का पानी सूख जाने से गंगा की तलहटी पर नजर आ रही ये पटरियां ब्रिटिश कालीन तकनीक की एक बानगी भी कही जा सकती है.

Haridwar:बता दें हरिद्वार जो की धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी पुरे देश और दुनिया में काफी प्रसीद जगह हैं। बता दें हरिद्वार पुरे भारत सहित दुनिया भर में काफी प्रसीद तीर्थ स्थल के तौर पर भी जाना जाता हैं।