Halshashthi Lalahi Chhath Vrat: हलषष्ठी -ललही छठ से जुड़ी इन बड़ी बातों को जानें।

Halshashthi Lalahi Chhath Vrat: हलषष्ठी, जिसे ललही छठ, हरछठ या कमरछठ भी कहा जाता है। हलषष्ठी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण व्रत है।

हलषष्ठी का व्रत मुख्तयः महिलाओं द्वारा पुत्र की दीर्घायु और कल्याण के लिए किया जाता है।

Halshashthi: हलषष्ठी का महत्व:

पुत्र की दीर्घायु: हलषष्ठी व्रत मुख्य रूप से पुत्र की दीर्घायु और समृद्धि के लिए किया जाता है।

कृषि से जुड़ाव: हलषष्ठी का गहरा संबंध कृषि से है। हलषष्ठी के दिन किसान अपने हल की पूजा करते हैं और अच्छी फसल की कामना करते हैं।

माता पार्वती की पूजा: हलषष्ठी के दिन माता पार्वती की विशेष पूजा की जाती है। मान्यता है कि माता पार्वती अपने भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

Halshashthi: हलषष्ठी व्रत:

हल की पूजा: हलषष्ठी के दिन किसान अपने हल की पूजा करते हैं और हल को रंग -बिरंगे कपड़ों से सजाते हैं।

हलषष्ठी से जुड़ी कई कथाएं प्रचलित हैं। हलषष्ठी से जुड़ी इन कथाओं में माता पार्वती की भक्ति और उनके आशीर्वाद का वर्णन मिलता है।

Halshashthi: हलषष्ठी और छठ पूजा:

हलषष्ठी को छठ पूजा से भी जोड़ा जाता है। हलषष्ठी और छठ पूजा दोनों ही व्रतों में सूर्य देवता और माता पार्वती की पूजा की जाती है।

हालांकि, छठ पूजा का अधिक व्यापक रूप है, छठ पूजा को बिहार झारखंड सहित कई जगहों पर में बड़े ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया जाता है।

Halshashthi: हलषष्ठी एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है जो परिवार के कल्याण और समृद्धि के लिए किया जाता है।

हलषष्ठी व्रत कृषि और महिलाओं के जीवन के बिच एक गहरा संबंध दर्शाता है।

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