Canada India Tension News: भारत-कनाडा के रिश्ते अब बिगड़ चुके हैं. खालिस्तान प्रेम में जस्टिन ट्रूडो का असली चेहरा सामने आ गया है. सियासत चमकाने के लिए प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कनाडा-भारत के रिश्ते की लंका लगा दी है. भारत पर झूठे आरोप लगा-लगाकर जीत का ख्वाब पालने वाले जस्टिन ट्रूडो की जब दाल नहीं गली तो वह ब्रिटेन की शरण में जाकर लेट गए.

भारत ने जब जस्टिन ट्रूडो और उनकी सरकार के झूठ के पुलिंदों का पर्दाफाश कर दिया तो वह दुनिया के सामने छाती पीटने लगे हैं. खालिस्तानी आतंकी निज्जर हत्या’कांड पर भारत और कनाडा के बीच संबंध खटास में हैं. भारत ने जब कनाडा के आरोपों का जवाब दिया और जस्टिन ट्रूडो की पोल खोली तो कनाडाई प्रधानमंत्री की बौखलाहट सामने आ गई. उन्होंने तुरंत ब्रिटेन में फोन घुमा दिया और भारत के खिलाफ अन्य देशों को लामबंद करने में जुट गए.

India Canada: बता दें भारत और कनाडा के बिच रिश्ते को लेकर इस तरह का खटास पहले भी कई बार हो चूका हैं, जो की सही नहीं कहा जाएगा दो देशों को आपस में मिल कर और किसी भी समस्या का हल निकलना चाहिए, जिससे समस्या का निपटारा हो क्योकि आपसी मतभेद के दोनों देशों के बिच कई तरह के मामले भी सामने आएंगे। जिसका असर दोनों देशों के रिश्ते सहित कई अन्य मामले में भी पड़ेंगे।

दरअसल, जस्टिन ट्रूडो की बौखलाहट उस वक्त सामने आई, जब निज्जर हत्या’कांड में भारत ने आरोपों को खारिज किया और सख्ती दिखाई. इसके बाद जस्टिन ट्रूडो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में जहर उगला. वह यहीं नहीं रुके. उन्होंने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री सर कीर स्टार्मर को फोन लगा दिया. खुद कनाडा के प्रधानमंत्री ऑफिस ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी. कनाडाई प्रधानमंत्री दफ्तर के मुताबिक, प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने यूनाइटेड किंगडम के प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर से बात की.

इसमें जस्टिन ट्रूडो ने अपने आरोपों से ब्रिटिश पीएम को अवगत कराया. साथ ही ब्रिटिश पीएम के सामने अपने आरोप को दोहराया कि भारत सरकार से जुड़े एजेंट्स कनाडा के नागरिकों को टारगेट कर रहे हैं. बता दें भारत और कनाडा के बिच रिश्ते को लेकर इस तरह का खटास पहले भी कई बार हो चूका हैं, जो की सही नहीं कहा जाएगा दो देशों को आपस में मिल कर और किसी भी समस्या का हल निकलना चाहिए.

कनाडा के पीएम ऑफिस ने आगे कहा, ‘जस्टिन ट्रूडो और प्रधानमंत्री सर कीर सर कीर स्टारमर ने अपने नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और कानून के शासन को कायम रखने और उसका सम्मान करने के महत्व पर चर्चा की. प्रधानमंत्री ट्रूडो ने इस गंभीर मामले को सुलझाने के लिए भारत के साथ सहयोग में कनाडा की निरंतर रुचि को रेखांकित किया. प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और प्रधानमंत्री सर कीर स्टारमर करीबी और नियमित संपर्क में बने रहने के लिए सहमत हुए.’

जस्टिन ट्रूडो ने अपनी इस हरकत से साबित कर दिया कि वह भारत के साथ रिश्ते जरा भी परवाह नहीं करते. उनके लिए खालिस्तान प्रेम और सियासत ही सबसे ऊपर है. भारत और कनाडा यानी दो देशों के बीच के मामले में तीसरे देश का दखल कराकर जस्टिन ट्रूडो केवल सहानुभूति और चुनाव में वोट हासिल करना चाहते हैं.

उनके पास भारत के खिलाफ सबूत तो है नहीं, ऊपर से वह केवल प्रोपगेंडा ही फैला रहे हैं. बता दें दोनों देशों को शांति से मिलकर और हल निकलना चाहिए। भारत बार-बार निज्जर हत्या’कांड में कनाडा के आरोपों पर सबूत मांगता रहा है, मगर अब तक जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने सबूत नहीं दिया. कनाडा में अगले साल चुनाव है. जस्टिन ट्रूडो कनाडा में खालिस्तान समर्थकों का वोट पाने के लिए यह सब कर रहे हैं. बता दें दोनों देशों को शांति से मिलकर और हल निकलना चाहिए। जिससे समस्या का निपटारा हो क्योकि आपसी मतभेद के दोनों देशों के बिच कई तरह के मामले भी सामने आएंगे। जिसका असर दोनों देशों के रिश्ते सहित कई अन्य मामले में भी पड़ेंगे।

कनाडा ने निज्जर हत्या से जुड़े मामले में फिर से भारत के उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य राजनयिकों के शामिल होने का आरोप लगाया. इस पर भारत ने सख्ती दिखाई और एक्शन लेते हुए कनाडा के छह राजनयिकों को निकाल दिया. साथ ही कनाडा से अपने उच्चायुक्त और टारगेट किए जा रहे राजनयिकों और अधिकारियों को वापस बुला लिया. सिख अलगाववादी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की ह’त्या की जांच से भारतीय राजनयिकों को जोड़ने के कनाडा के आरोपों को भी भारत ने सिरे से खारिज किया और कहा कि ये आरोप बेतुके हैं.

India Canada: बता दें भारत और कनाडा के बिच रिश्ते को लेकर इस तरह का खटास पहले भी कई बार हो चूका हैं, जो की सही नहीं कहा जाएगा दो देशों को आपस में मिल कर और किसी भी समस्या का हल निकलना चाहिए, जिससे समस्या का निपटारा हो क्योकि आपसी मतभेद के दोनों देशों के बिच कई तरह के मामले भी सामने आएंगे। जिसका असर दोनों देशों के रिश्ते सहित कई अन्य मामले में भी पड़ेंगे। बता दें दोनों देशों को शांति से मिलकर और हल निकलना चाहिए।

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