Jitiya Vrat: जितिया व्रत हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण व्रत है, जितिया व्रत विशेषकर महिलाओं द्वारा अपने बच्चों की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए किया जाता है।
जितिया व्रत आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत का महत्व:

Jitiya Vrat: जितिया व्रत मातृ प्रेम का प्रतीक: जितिया व्रत माँ के उस अगाध प्रेम का प्रतीक है जो वह अपने बच्चों के लिए रखती है।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत संतान की लंबी उम्र: ऐसा माना जाता है कि जितिया व्रत बच्चों की लंबी उम्र और स्वस्थ जीवन सुनिश्चित करता है।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत धार्मिक महत्व: जितिया व्रत से जुड़ी कई पौराणिक कथाएं है, जो जितिया व्रत के धार्मिक महत्व को दर्शाती हैं।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत की कहानी:

Jitiya Vrat: जितिया व्रत की कहानी जीमूतवाहन से जुड़ी है। जितिया व्रत कथा के अनुसार, जीमूतवाहन एक राजकुमार थे।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत पूजा विधि:

Jitiya Vrat: जितिया व्रत में महिलाएं पुरे दिन उपवास रखती हैं और जीमूतवाहन की पूजा करती हैं। जितिया व्रत में विशेष प्रकार के भोजन बनाए जाते हैं और देवी-देवताओं को भोग लगाया जाता हैं।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत के दौरान उपवास रखा जाता है, जीमूतवाहन की पूजा करें, भगवान का भजन-कीर्तन करें, धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें, देवी-देवताओं का का पूजन करें।

Jitiya Vrat: जितिया व्रत का समापन पारण के साथ होता हैं। पारण का समय शुभ मुहूर्त के साथ के अनुसार निर्धारित किया जाता हैं।

जितिया व्रत हिंदू धर्म का महत्वपूर्ण व्रत हैं।

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