Katyayani Mata: कात्यायनी माता नवदुर्गा का छठा रूप हैं और नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा की की जाती है। माता कात्यायनी युद्ध की देवी हैं। माता कात्यायनी बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक हैं। माता कात्यायनी दैवी शक्ति का प्रतीक हैं।
Katyayani Mata: कात्यायनी माता की कथा:

Katyayani Mata: कात्यायनी माता की कथा के अनुसार, एक बार असुरों ने देवताओं पर आक्रमण कर दिया था। देवताओं ने ब्रह्मा जी से प्रार्थना कि फिर ब्रह्मा जी ने देवताओं को बताया कि माता पार्वती ही उनकी रक्षा कर सकती हैं। तब माता पार्वती ने कात्यायनी रूप धारण कर असुरों का वध कर दिया था।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता का स्वरूप:
Katyayani Mata: कात्यायनी माता की चार भुजाएं है: कात्यायनी माता के चारों हाथों में कमल, तलवार, वरमुद्रा और अभयमुद्रा होती है।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता का वाहन सिंह हैं।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता का अस्त्र-शस्त्र: तीर-कमान, खड्ग आदि।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता बुराई का नाश करती है। कात्यायनी माता की पूजा करने से बुरी शक्तियों का नाश होता है और जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता विद्या और बुद्धि देती है। मां कात्यायनी विद्या और बुद्धि की देवी मानी जाती हैं। कात्यायनी माता की पूजा करने से विधार्थियों को पढ़ाई में सफलता मिलती है।

Katyayani Mata: मां कात्यायनी साहस और शक्ति की देवी हैं। मां कात्यायनी की पूजा करने से वयक्ति में साहस और शक्ति का विकास होता है।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता का मंत्र:
Katyayani Mata: ॐ कात्यायनी महामाये महायोगिनि सिद्धये। वन्दे त्वां जगदम्बे त्वयि सर्वं समर्पये।।

Katyayani Mata: कात्यायनी माता की पूजा विधि भी अन्य देवी-देवताओं की पूजा विधि के समान ही होती है। कात्यायनी माता दैवी शक्ति का प्रतीक हैं।

Katyayani Mata: नवरात्रि के दौरान कात्यायनी माता की पूजा का विशेष महत्व होता है। नवरात्रि के दौरान मंदिरों में विशेष आयोजन किए जाते हैं और भक्त बड़ी संख्या में मंदिरों में जाते हैं। कात्यायनी माता नवदुर्गा का छठा रूप हैं।