Lord Hanuman: हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करने की परंपरा सदियों पुरानी है। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाना सिर्फ एक प्रतीक चिन्ह मात्र नहीं, बल्कि हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे कई धार्मिक और आध्यात्मिक कारण छिपे हुए हैं।

Lord Hanuman: माता सीता से जुड़ा संबंध:

पतिव्रता का प्रतीक: सिंदूर विवाहित हिंदू महिलाओं के लिए पतिव्रता का प्रतीक है। माता सीता, जो हनुमान जी की आराधना का केंद्र रही हैं, माता सीता एक आदर्श पत्नी थीं।

श्रद्धा और समर्पण: हनुमान जी ने माता सीता को अपना सब कुछ मानते हुए उनकी सेवा में अपना जीवन लगा दिया था। हनुमान जी सिंदूर चढ़ाकर माता सीता के प्रति अपनी श्रद्धा और समर्पण व्यक्त करते हैं।

शक्ति और ऊर्जा का प्रतीक:

ग्रहों का प्रभाव: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, सिंदूर मंगल ग्रह से संबंधित है। मंगल ग्रह शक्ति और ऊर्जा का कारक माना जाता है।

सकारात्मक ऊर्जा: हनुमान जी को शक्ति और ऊर्जा का देवता माना जाता है। सिंदूर चढ़ाकर भक्त उनके असीम बल और शक्ति को प्राप्त करने की कामना करते हैं।

तपस्या और साधना:

तपस्वी स्वभाव: हनुमान जी एक महान तपस्वी थे। हनुमान जी ने कठोर तपस्या करके अनेक सिद्धियां प्राप्त की थीं।
आत्मबल: सिंदूर तपस्या और साधना का भी प्रतीक है। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाकर भक्त उनसे आत्मबल और साधना की शक्ति प्राप्त करने की कामना करते हैं।

रोग निवारण और आरोग्य:

औषधीय गुण: सिंदूर में कई औषधीय गुण होते हैं। सिंदूर को कई बिमारियों के इलाज में उपयोग किया जाता है।
स्वास्थ्य लाभ: हनुमान जी को आरोग्य है देवता भी माना जाता है। हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाकर भक्त स्वस्थ्य जीवन की कामना करते हैं।

मनोवैज्ञानिक प्रभाव:

आत्मविश्वास: सिंदूर चढ़ाने से मन में एक प्रकार का आत्मविश्वास और शक्ति का अनुभव होता है।
सकारात्मकता: सिंदूर एक सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है और मन को शांत करता है।

Lord Hanuman: हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने के पीछे कई गहरे अर्थ छिपे हुए हैं। सिंदूर मात्र एक रस्म नहीं बल्कि भक्ति, श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है। सिंदूर चढ़ाकर भक्त हनुमान जी से शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने की कामना करते हैं।

Lord Hanuman: सिंदूर:

हनुमान जी को सिंदूर चढ़ाने का उल्लेख रामायण में भी मिलता है।
सिंदूर केवल हनुमान जी को ही नहीं बल्कि अन्य देवी-देवताओं को भी चढ़ाया जाता है।
सिंदूर को शुभ और मंगलकारी माना जाता है।

जय श्री सीताराम, जय श्री राम, जय श्री हनुमान।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *