Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी का व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। मंगला गौरी का व्रत महिलाएं अपने पति की दीर्घायु और सुखी वैवाहिक जीवन के लिए रखती हैं।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत को सावन महीने में रखा जाता है। मंगला गौरी के दिन गौरी गणेश की प्रतिमा स्थापित कर पूजा की जाती है।

मंगला गौरी के दिन गौरी गणेश की पूजा की जाती है।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत की पूजा में भगवान शिव और माता पार्वती को सुहाग की सामग्री, फूल, फल, मिठाई आदि अर्पित किये जाते हैं।
मंगला गौरी व्रत रखने वाली महिलाएं भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा और उनके नाम का जाप करती हैं।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत में शाम को गौरी गणेश की आरती उतारी जाती है और प्रसाद वितरित किया जाता है।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत को निष्ठा और विश्वास के साथ रखना चाहिए। मंगला गौरी व्रत के दौरान मन को शांत रखना चाहिए।
मंगला गौरी व्रत के दौरान गौरी गणेश की पूजा करते समय धुप, दीप, नैवेध और फल -फूल अर्पित करना चाहिए।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत के अनेक लाभ माने जाते हैं।


Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी के व्रत से पति पत्नी के बिच प्रेम संबंध मजबूत होता हैं।

Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती हैं।
Mangla Gauri Vrat: मंगला गौरी व्रत संतान प्राप्ति में भी मंगला गौरी व्रत सहायक माना जाता हैं।

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