Sawan: सावन मास का धार्मिक महत्व: सावन भगवान शिव का प्रिय महीना हैं। सावन के महीने भगवान शिव की पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता हैं। भगवान शिव को सावन मास अत्यंत प्रिय हैं।
Sawan: सोमवार व्रत: सावन के सोमवार को भगवान शिव की पूजा करना और व्रत रखना अत्यंत शुभ माना जाता है।
Sawan: कांवर यात्रा: श्रद्धालु कांवर यात्रा में गंगाजल लेकर देवघर, ऋषिकेश, हरिद्वार आदि तीर्थों से भगवान शिव के प्रमुख मंदिरों तक पैदल यात्रा करते हैं।
Sawan: हरियाली तीज: हरियाली तीज सुहागिन महिलाओं का त्यौहार हैं। हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।
Sawan: सावन मास की पौराणिक मान्यताएं:
Sawan: समुद्र मंथन: सावन मास में ही क्षीरसागर का मंथन हुआ था, समुद्र मंथन से अमृत और अनेक देवी-देवताओं का जन्म हुआ था।
Sawan: भगवान शिव का विवाह: माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए सावन मास में कठोर तपस्या की थी।
Sawan: गंगा अवतरण: सावन मास में ही भगवान शिव ने गंगा नदी को धरती पर लाने के लिए अपने जटाओं में समा लिया था।
Sawan: सावन मास की सांस्कृतिक महत्व:
Sawan: हरियाली: सावन मास हरियाली से भरपूर होता है।
Sawan: झूले: सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है साथ ही घरों में झूले लगाए जाते हैं।
Sawan: बोलियां: सावन मास में बोलियों और लोकगीतों का गायन होता है।
Sawan: मेले: सावन के महीने में कई जगहों पर मेले लगते हैं।
Sawan: सावन मास का वैज्ञानिक महत्व:
Sawan: सावन मास में भारत में बरसात का मौसम होता है।
Sawan: खेती: सावन के महीने में किसान धान की रोपाई करते हैं। सावन मास से जुड़ी यह सब कुछ बड़ी बातें हैं।
Sawan: सावन महीने का महत्व धार्मिक, पौराणिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक सभी दृष्टियों से अत्यंत महत्वपूर्ण है।