Ayodhya Ram Mandir: रामनवमी पर हर वर्ष भगवान सूर्य नारायण करेंगे, प्रभु श्री राम को तिलक ऐसा बन रहा प्रभु का धाम, जानें।

Ayodhya Ram Mandir: अयोध्या में प्रभु श्री राम के मंदिर निर्माण में एक विशेष विशेषता के साथ कार्य किया गए रहा हैं। अयोध्या में भगवान राम के मंदिर निर्माण में एक विशेष विशेषता यह हैं की राम मंदिर के शिखर पर एक छोटा सा उपकरण लगाया जाएगा।

जो भगवान सूर्य की किरणों को मंदिर के गर्भगृह में ले जाएगा। राम नवमी के दिन, प्रत्येक वर्ष राम नवमी के दिन, दोपहर 12 बजे, भगवान सूर्य की किरणें प्रभु श्री राम के मस्तक पर पड़ेंगी।

अयोध्या राम मंदिर निर्माण में यह एक अनोखी और आश्रर्यजनक विशेषता हैं जो राम मंदिर को और अधिक पवित्र और दर्शनीय बनाती हैं।

राम नवमी हिंदू धर्म और संस्कृति के लिए एक बेहद ही महत्वपूर्ण दिन हैं। साथ ही राम नवमी को एक विशेष तरीके से मनाया जाएगा।

अयोध्या राम मंदिर के डिजाइनरों द्वारा यह विशेषता बनाई गई थी। अयोध्या राम मंदिर के डिजाइनरों का मानना था कि यह एक महत्वपूर्ण और सार्थक विशेषता होगी जो राम मंदिर को और अधिक पवित्र और दर्शनीय बनती हैं।

अयोध्या राम मंदिर कि यह विशेष विशेषता राम नवमी के दिन एक विशेष अनुष्ठान का भी हिस्सा होगी। राम नवमी के दिन, भक्त भगवान सूर्य की किरणों के माध्यम से भगवान राम को अर्पित किए गए फूलों और अन्य प्रसादों को देखेंगे।

अयोध्या राम मंदिर का यह एक अद्भुत और यादगार अनुभव होगा, जो भक्तों को भगवान राम की उपस्थिति का अनुभव करने की अनुमति देगा। साथ ही राम नवमी के दिन,भक्त भगवान सूर्य की किरणों के माध्यम से भगवान राम को अर्पित किये गए फूलों और अन्य प्रसादों को देखेंगे।

प्रभु श्री राम अपने भव्य महल में बस कुछ ही दिन बाद विराजमान होने वाले हैं। अयोध्या में बनने वाले राम मंदिर में वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा हैं।

रामलला के भव्य मंदिर में विराजमान होने के पश्चात अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का प्रयास हैं कि भव्य राम मंदिर में दिव्य रामलला की प्रतिमा का भगवान सूर्य उनके जन्मोत्सव के मौके पर तिलक करें।

बता दें भगवान रामलला भव्य राम मंदिर में विराजमान हो रहे हैं। ऐसे में आगामी सभी जन्मोत्सव के शुभ अवसर पर भगवान सूर्य नारायण के द्वारा सूर्यवंशी प्रभु श्री राम का तिलक देश और दुनिया में बैठे प्रभु श्री राम भक्तों के लिए देखने लायक होगा।

फिलहाल, पांच वर्षीय भगवान रामलला के धनुषधारी स्वरुप की प्रतिमा कमल दल पर विराजमान भव्य राम मंदिर में लगाई जाएगी। आंचल प्रतिमा का आकार ऐसा कुछ ऐसा होगा की राम भक्त दर्शन उपरांत भगवान के ललाट से पैर के नाखून तक का दर्शन कर सकेंगे।

बता दें भारत ही नहीं बल्कि, दुनिया भर के श्री राम भक्तों के लिए अयोध्या में बन रहा प्रभु श्री राम का मंदिर आस्था का केंद्र हैं।

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