Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी से जुड़ी इन बड़ी बातों को जानें।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत एक महत्वपूर्ण त्योहार हैं। उत्पन्ना एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं। उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से वयक्ति को धन, समृद्धि, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी से जुड़ी बड़ी बातें:

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी को 12 एकादशियों में से सबसे महत्वपूर्ण एकादशी माना जाता हैं।
उत्पन्ना एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित हैं।


उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सभी पापों का नाश होता हैं और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।
उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने से वयक्ति को धन, समृद्धि, और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती हैं।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी की कथा:

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी की एक पौराणिक कथा हैं। उत्पन्ना एकादशी की पौराणिक कथा के अनुसार, एक समय में एक ऋषि थे जिनका नाम क्षेमकरण था। ऋषि क्षेमकरण ने भगवान विष्णु की कठोर तपस्या की। ऋषि क्षेमकरण की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु ने उन्हें दर्शन दिए और कहा कि वह उन्हें एक वरदान दे सकते हैं।

ऋषि क्षेमकरण ने भगवान विष्णु से कहा कि वे उन्हें ऐसा वरदान दे जिससे उन्हें मोक्ष की प्राप्ति हो सके। भगवान विष्णु ने ऋषि क्षेमकरण को बताया कि उन्हें उत्पन्ना एकादशी का व्रत करना चाहिए। ऋषि क्षेमकरण ने भगवान विष्णु की आज्ञा का पालन किया। और उत्पन्ना एकादशी का व्रत किया। व्रत के प्रभाव से ऋषि क्षेमकरण को मोक्ष की प्राप्ति हुई।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्न एकादशी का व्रत:

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत करने के लिए, भक्तों को उत्पन्ना एकादशी के दिन उपवास करना चाहिए। उत्पन्ना एकादशी के दिन उपवास के दौरान, भक्तों को केवल फलों, सब्जियों, और सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। एकादशी के दिन, भक्तों को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।

एकादशी के दिन, भक्तों को भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक जलाना चाहिए, साथ ही फूल अर्पित करना चाहिए, और आरती करना चाहिए।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी के दिन, भक्तों को तुलसी के पत्तों का सेवन करना चाहिए। तुलसी के पत्तों का सेवन करने से भक्तों को कई लाभ होते हैं।

Utpanna Ekadashi: तुलसी के पत्तों का लाभ:

Utpanna Ekadashi: तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मन को शांति मिलती हैं।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से रोगों से बचाव होता हैं।
तुलसी के पत्तों का सेवन करने से मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी के पारण का समय:

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी का पारण द्वादशी के दिन किया जाता हैं। द्वादशी के दिन, भक्तों को सूर्योदय के बाद ही पारण करना चाहिए। पारण के समय, भक्तों को भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए और फिर भोजन करना चाहिए।

Utpanna Ekadashi: उत्पन्ना एकादशी का व्रत एक महत्वपूर्ण व्रत हैं। उत्पन्ना एकादशी का व्रत भक्तों को कई लाभ प्रदान करता हैं। उत्पन्ना एकादशी व्रत को करने से भक्तों को मनोकामनाओं की पूर्ति होती हैं और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती हैं।

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